मौर्य राजवंश और बस्तर एक संभावना
हम सभी को पता है कि मौर्य राजवंश की स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा की गई थी अपने गुरु विष्णु गुप्त अर्थात चाणक्य द्वारा मार्ग दिखाने पर । चंद्र गुप्त मौर्य किस तरह से एक सम्राट बने इसके ऊपर हमारे इतिहासकारो द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई है । पर हम यहां पर उनकी कहानियों पर नहीं जाएंगे , हम चलते हैं इन कहानियों के थोड़ा पीछे चंद्रगुप्त मौर्य अथवा यह मौर्य उपनाम कहां से आता है । चाणक्य का मुख्य स्थान देखा जाए तो वह था तक्षशिला और इसी तक्षशिला में उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को शिक्षा भी दी थी । अगर गौर किया जाए तो चाणक्य चंद्रगुप्त के गुरु बनने के पूर्व धनानंद के दरबार पर गए थे और उन्होंने धनानंद को सेना एकत्र कर बाहरी यवन आक्रमण के प्रति तैयार रहने हेतु सहायता मांगी थी । इतिहास में हमें बहुत अधिक स्रोत तो नहीं मिलते पर एक आकलन यह किया जा सकता है कि तक्षशिला के तत्कालीन राजा द्वारा हो सकता है चाणक्य को एक दूत बनाकर भेजा गया हो धनानंद से सहायता मांगने । अथवा यह भी हो सकता है कि चाणक्य अपने देश भक्ति और राष्ट्र निष्ठा के कारण धनानंद के पास सहायता हेतु गए होंगे । धनानंद द्वारा चाणक्य का एक ब्र