भारत व चीन - श्री कृष्ण की कथा की दृष्टि से ।

बहुत पहले एक कथा सुनी थी कि भगवान श्री कृष्ण बचपन में माखन चुराते थे , जब वो माखन चुराते थे ,  तो उनको बहुत ताने दिए जाते थे । भगवान श्रीकृष्ण लोगों को हमेशा कहते थे कि आप माखन को मथुरा मत भेजिए क्योंकि वहां पर इस का उपयोग शत्रु की सेना करेगी और इस माखन को खाकर वह दिन-ब-दिन ताकतवर वह बुद्धिमान होते जाएंगे और इससे अत्याचारी कंस का अत्याचार और बढ़ेगा । लगातार लोगों को समझाने के बावजूद कोई भी उनकी इस बात को मानने को तैयार नहीं था । हर दिन सुबह गोकुल से ग्वालों के परिवार के परिवार अपनी मेहनत से पैदा किया गया दूध ,दही, मक्खन ले जाकर मथुरा में कंस को कर के रूप में दे देते थे ।

थक कर तंग आकर भगवान श्री कृष्ण ने माखन चुराना शुरू कर दिया और वह इस माखन को गोकुल के बच्चों के बीच में बांट देते थे , ताकि माखन का उपयोग गोकुल के आने वाली पीढ़ी करें और वह शक्तिशाली और समृद्ध बने । इस पर लोगों ने ताने देना शुरू कर दिया । कभी-कभी तो माखन को मथुरा पहुंचाने से रोकने के लिए श्री कृष्ण ग्वालिनो के मटके भी फोड़ देते थे । मर्म सिर्फ एक था कि किसी भी तरीके से अत्याचारी कंस के पास लोगों की मेहनत का दूध दही और मक्खन ना जावे ।

कारण एक और था जब गवालिंने माखन लेकर मथुरा जाती थी तो वहां पर कंस के दुष्ट सैनिकों की नजर मथुरा के   ग्वालिनों पर पड़ती थी । श्री कृष्ण उन गोकुल की कन्याओं को दुष्टों की इस बुरी नजर से भी बचाना चाहते थे  । वह नहीं चाहते थे कि कोई भी इन किशोरियों पर को दृष्टि डालें इसलिए वह लगातार इन्हें माखन ले जाने से रोकते थे ।

इससे एक चीज समझ आता है कि श्री कृष्ण सदैव धर्म की रक्षा के लिए और सही कार्य करने के लिए खड़े रहते थे । चाहे तो इसके लिए बदनाम क्यों ना होना पड़े उन्हें अपनी प्रशंसा का मोह नहीं था । वह केवल गलत कार्य, गलत लोगों और गलत चीजों के विरुद्ध खड़े रहते थे । और उन्होंने लोगों को भी शिक्षा दिया लेकिन शायद ऐसा लगता है कि आज के मनुष्य इस शिक्षा को भूल चुके हैं ।


आज के समय में हमारे देश भारत के शत्रु मुख्य रूप से चीन व पाकिस्तान जैसे देश है । वह चीन लगातार शक्तियां जुटा रहा है वह दिन-ब-दिन शक्तिशाली होते जा रहा है यहां तक कि आज उसकी शक्ति इतनी बढ़ चुकी है कि वह जब तक चाहें तो हमारे देश को आंख दिखाता है । इसके बावजूद भारतीय लोग लगातार चीनी सामानों का उपयोग करते हैं ।
 ऐसा नहीं है की हर कोई चीन के सामने सर झुका रहा है भारत में बहुत से लोग हैं जो लगातार कोशिश करते हैं कि किसी भी तरीके से चीनी सामानों का और चीनी वस्तुओं का हम उपयोग ना करें ।यहां तक कि वह लोगों को चीनी एप्लीकेशन जैसे कि टिक टॉक , यू सी ब्राउज़र और चीनी मोबाइल के उपयोग के लिए भी मना करते हैं , पर बहुत से मूर्ख स्वार्थी लोग आज इन्हीं राष्ट्र भक्तों को - अंध भक्त कहते हैं  । भारत से होने वाली कमाई का बहुत बड़ा हिस्सा चीन और भारत के खिलाफ युद्ध करने के लिए हथियार जमा करने में व्यय कर रहा है और साथ ही साथ वह पाकिस्तान जैसे देशों की भी मदद करता है भारत में बहुत से राष्ट्र विरोधी तत्व है जो चीन के द्वारा दिए गए धन का इस्तेमाल करके भारत की संस्कृति के खिलाफ लगातार साजिश रचते रहते हैं।
दुख तो तब होता है जब हमारे लोग ही अपने राष्ट्र भक्तों को मूर्ख अंधभक्त पुकारते हैं सिर्फ इसलिए क्योंकि इन राष्ट्र भक्तों द्वारा चीनी सामानों का उपयोग करने से मना किया जाता है । बहुत से लोगों का तो यह तक मानना है कि भारत चीन के सामान के बिना खड़ा नहीं रह सकता । शर्म आती है ऐसे लोगों पर जो इस तरह का इस तरह की बातें करते हैं  । गर्व होना चाहिए हमें अपने राष्ट्र पर , अपने राष्ट्र के लोगों पर , राष्ट्र की शक्ति पर।

गर्व है  लोगों पर जो श्री कृष्ण की तरह अपने धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए स्वयं पर आने वाले तानो और कटु शब्दों की चिंता नहीं करते वे लगातार अपने राष्ट्र और अपने लोगों की रक्षा के लिए कार्य करना पसंद करते हैं । उन्हें मालूम है कि जिस धन का उपयोग चीन भारत के विरुद्ध कर रहा है वह धन भारत के लोगों द्वारा ही उसे भेजा जा रहा है , जब भी हम कोई चीनी वस्तु खरीदते हैं तो उससे होने वाला लाभ चीन भारत के विरुद्ध इस्तेमाल कर रहा है और इसके बावजूद हमारे देश के लोग श्री कृष्ण कथा और उसका मतलब नहीं समझ पाए बहुत दुख की बात है आज अपनी खराब शिक्षा पद्धति के कारण विश्व का सबसे कम बुद्धि वाले लोगों की जनसंख्या में पहले स्थान पर ना आ जाए ।

-  स्वप्निल तिवारी ।

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