चीन के विरोध की सच्चाई -
परिवार के एक सदस्य को फोन खरीदना था । उसी दिन शाम के समय समाचार चैनलों में भारत चीन के विवाद और 20 सैनिकों के शहीद होने के बारे में सुना ।
हमने भी तय किया कि चीन का फोन नहीं लेंगे , और मोबाइल खरीदने दुकान पर पहुंचे ।
हमने दुकान पर भारत की कंपनी माइक्रोमैक्स , लावा , इंटेक्स के मोबाइल दिखाने को कहा । दुकानदार ने साफ तौर पर मना कर दिया , कहा कि इन कंपनियों के मोबाईल उपलब्ध नहीं हैं।
तो हमने अपने गैर चीनी कम्पनी जैसे सैमसंग , नोकिया , असुस के मोबाइल दिखाने को कहा ,
दुकानदार ने एक - दो फोन दिखाया पर वो लगातार इस कोशिश में लगा था कि हम किसी चीनी कंपनी का मोबाईल खरीदे । परेशान होकर हम दुकान से निकल कर दूसरे दुकान गए , पर वो भी चीन के मोबाईल फोन बेचने में लगा रहा ।
अंत में हम बिना कोई मोबाईल खरीदे घर आ गए , और
फ्लिपकार्ट पर एक माइक्रोमैक्स का एक ४जीबी वाला मोबाईल फोन मंगवा लिया ।
- किस्से से एक बात समझ आती है कि , लोग चीन के समान नहीं खरीदना चाहते । पर ये दुकानदार है जो हमें छोटे से फायदे के लिए जानबूझ कर चीनी कम्पनी के सामान खरीदने पर मजबूर करते हैं ।
- चीन के इन फोन से उनकी कंपनी को होने वाला फायदा भी चीन चला जाता है । एक तरह से हम भारत का पैसा चीन ही भेज रहे है , जो कि वहाँ की सरकार को टैक्स के रूप में जाता है और उसी पैसे से वो हथियार लेकर हमसे युद्ध को आतुर रहता है । इसलिए चीन के सामान का उपयोग बंद करने की जरूरत है ।
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